महाराणा कुम्भा संगीत महोत्सव में सृष्टि भदौरिया की मंत्रमुग्ध करने वाली कथक प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ की बेटी ने कोलकाता के कलाकारों संग मंच पर बिखेरी सांस्कृतिक छटा, दर्शकों ने तालियों से दी अभूतपूर्व सराहना
अंबिकापुर / सरगुजा |
उदयपुर, राजस्थान – 62वें महाराणा कुम्भा संगीत महोत्सव में छत्तीसगढ़ के उदयपुर (सरगुजा) की प्रतिभाशाली कथक नृत्यांगना सृष्टि भदौरिया ने अपने अद्भुत नृत्य कौशल से दर्शकों को मोहित कर लिया।
09 मार्च 2025 को आयोजित इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक मंच पर वरिष्ठ कथक कलाकार डॉ. यास्मीन सिंह (भोपाल) के निर्देशन में सृष्टि ने अपनी साथी कलाकारों—नील जेनिफर, माया डहरिया (छत्तीसगढ़) तथा अनिमिका, अभिषिकता और साइनी (कोलकाता) के साथ मंच साझा कर अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति दी।
कथक की जादुई लय पर झूमा सभागार, तालियों से गूंज उठा मंच
लगभग दो घंटे तक चले इस भव्य कथक प्रदर्शन में कलाकारों ने भाव-भंगिमा, लय और ताल की अद्भुत प्रस्तुति से ऐसा समां बांधा कि दर्शक तालियां बजाने पर मजबूर हो गए। सभागार मंत्रमुग्ध होकर इस कला का आनंद लेता रहा, और प्रस्तुति समाप्त होने के बाद दर्शकों ने खड़े होकर कलाकारों का अभिनंदन किया।
छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय मंच तक सृष्टि भदौरिया की दमदार उपस्थिति
सृष्टि भदौरिया का यह प्रदर्शन उनकी प्रतिभा और कला के प्रति समर्पण का प्रमाण है। इससे पहले भी उन्होंने उज्जैन, वृंदावन, नैनीताल, दिल्ली, मैनपाट महोत्सव, रामगढ़ महोत्सव और शिवरीनारायण जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी कथक कला का जादू बिखेरा है।
छत्तीसगढ़ युवा महोत्सव में प्रदेशभर में प्रथम स्थान प्राप्त कर उन्होंने अपनी उत्कृष्टता को साबित किया और अब वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं।
कथक को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प
इस ऐतिहासिक मंच पर सफलता प्राप्त करने के बाद सृष्टि भदौरिया ने कहा—
“वरिष्ठ कथक कलाकार डॉ. यास्मीन सिंह जैसे गुरुजनों का मार्गदर्शन संघर्षरत कलाकारों के लिए प्रेरणादायक है। उनके सहयोग से हमें बड़े मंचों तक पहुंचने का अवसर मिलता है, जिससे हम इस प्राचीन भारतीय नृत्य कला को और आगे ले जा सकते हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि कत्थक कला के प्रसार के उद्देश्य से अंबिकापुर में 01 अप्रैल से क्लासिकल और सेमी-क्लासिकल डांस क्लास का आयोजन किया जा रहा है। यह मंच नए कलाकारों को सीखने और अपनी प्रतिभा निखारने का सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
महाराणा कुम्भा संगीत महोत्सव में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति से सृष्टि भदौरिया ने यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ की प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरने के लिए तैयार हैं।
उनकी यह सफलता न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का गौरव बढ़ाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि यदि प्रतिभा और समर्पण हो, तो किसी भी मंच पर अपनी पहचान बनाई जा सकती है।
✨ सृष्टि भदौरिया की यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के कला प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है और यह उन सभी युवा कलाकारों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी जो अपनी प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर ले जाना चाहते हैं। 🎭💃