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166 मतों के बड़े अंतर से मिली जीत, भाजपा और कांग्रेस दोनों को दिया करारा जवाब

26-Year-Old Ashu Kujur Makes History in Panchayat Elections

कोरिया, छत्तीसगढ़

पंचायती चुनावों में इतिहास रचते हुए ग्राम सलबा के 26 वर्षीय आशु कुजूर ने सरपंच पद पर एकतरफा जीत हासिल की है। NSUI जिलाध्यक्ष रहे आशु ने अपने छह प्रतिद्वंद्वियों को करारी शिकस्त देते हुए 166 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। इस जीत ने न सिर्फ उनके राजनीतिक कौशल को साबित किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि जनता का भरोसा हमेशा सेवा और ईमानदारी पर टिका होता है।

दोनों दलों की मिलीभगत के बावजूद जीत

यह चुनाव आसान नहीं था। जहां भाजपा ने पूरी ताकत से विरोध किया, वहीं आशु की खुद की पार्टी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी अंदरूनी तौर पर उनके खिलाफ साजिश रची। लेकिन आशु ने अपने मिलनसार व्यक्तित्व, जनता के बीच लोकप्रियता और सेवाभाव के दम पर इन सभी राजनीतिक चालों को ध्वस्त कर दिया। जनता ने उनके पक्ष में मतदान कर यह संदेश दिया कि राजनीति में ईमानदारी और मेहनत ही असली पहचान होती है।

संघर्ष से सफलता तक का सफर

आशु कुजूर की इस जीत के पीछे एक लंबी संघर्ष गाथा है। कम उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद, उनकी मां ने संघर्षों के बीच उन्हें शिक्षित किया। इन मुश्किल हालातों के बावजूद आशु ने राजनीति और समाज सेवा की ओर रुझान बनाए रखा। उनकी मददगार और मिलनसार छवि ने लोगों के दिलों में उनके लिए खास जगह बनाई, जिसका परिणाम आज की ऐतिहासिक जीत के रूप में सामने आया है।

20 साल पुराना किला ढहा, जनता का भरोसा जीता

ग्राम सलबा में पिछले 20 वर्षों से एक ही गुट का वर्चस्व था, लेकिन इस बार के चुनाव में जनता ने बदलाव का फैसला किया। आशु ने अपने दम पर इस मजबूत गुट को चुनौती दी और जनता का पूरा समर्थन प्राप्त किया। चुनाव प्रचार के दौरान जहां विरोधी पक्ष ने धन और बल का जमकर उपयोग किया, वहीं आशु ने केवल जनता से सीधे संवाद और उनकी समस्याओं के समाधान के वादे पर भरोसा किया।

जनता ने दिया जनसेवा का इनाम

चुनाव प्रचार के दौरान आशु ने जनता के मुद्दों को सबसे आगे रखा। उन्होंने विकास कार्यों को गति देने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने, ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और पंचायत में पारदर्शिता लाने की प्रतिबद्धता जताई। जनता को उनकी ईमानदारी, साफ छवि और समर्पण पर भरोसा था, और यही कारण है कि उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की।

आशु कुजूर ने जीत के बाद जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह जीत सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि सभी ग्रामीणों की जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि वह गांव के विकास के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी से कार्य करेंगे। उनकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं:

  • गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना
  • युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना
  • सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं का समाधान करना
  • सरकारी योजनाओं का पारदर्शी तरीके से क्रियान्वयन

भविष्य की योजनाएं और नए सरपंच की प्राथमिकताएं

राजनीति में युवाओं की भागीदारी का बढ़ता प्रभाव

इस चुनाव परिणाम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि युवाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ रही है। जहां कई बड़े नेता अपने वर्चस्व को बनाए रखने में लगे थे, वहीं एक युवा ने बिना किसी राजनीतिक विरासत के अपने दम पर चुनाव जीता। यह न केवल युवा शक्ति का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नई पीढ़ी राजनीति में पारदर्शिता और विकास को प्राथमिकता देती है

आशु की जीत से मिली नई प्रेरणा

ग्राम सलबा के युवा और ग्रामीण आशु कुजूर की इस जीत से बेहद उत्साहित हैं.

ग्राम सलबा के युवा और ग्रामीण आशु कुजूर की इस जीत से बेहद उत्साहित हैं। उनकी सफलता ने यह संदेश दिया कि अगर इरादे मजबूत हों और जनता का विश्वास साथ हो, तो कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती। यह जीत उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो राजनीति में ईमानदारी और सेवा के साथ बदलाव लाने का सपना देखते हैं

आशु कुजूर की यह ऐतिहासिक जीत सिर्फ एक राजनीतिक सफलता नहीं, बल्कि जनता के विश्वास की जीत है। यह चुनाव परिणाम दर्शाता है कि सच्चाई और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। आशु की इस उपलब्धि ने युवाओं को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की प्रेरणा दी है और साबित किया है कि जब जनता साथ हो, तो कोई भी मुश्किल जीत में बदल सकती है

“यह जीत केवल मेरी नहीं, यह जनता की जीत है। अब मेरी प्राथमिकता गांव का विकास और जनता की सेवा करना है।” – आशु कुजूर


(इस पोस्ट कर बारे में आपके क्या विचार है कमेंट में अवस्य बताएं – संपादक)


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One thought on “26 साल के युवा आशु कुजूर ने रचा इतिहास, सरपंच चुनाव में एकतरफा जीत!”

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