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 होटल और रेस्टोरेंट में मुफ्त सादा पानी और शौचालय की सुविधा आपका कानूनी अधिकार है – जानिए पूरी जानकारी

भारत में बहुत से लोग होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वहां पीने के पानी और शौचालय की सुविधा न मिलना केवल असुविधा नहीं, बल्कि आपके अधिकारों का उल्लंघन भी हो सकता है?
जैसे पेट्रोल पंप पर लोगों को मुफ्त पानी और शौचालय की सुविधा दी जाती है, वैसे ही होटल और रेस्टोरेंट भी कुछ बुनियादी सुविधाएं ग्राहकों को देने के लिए कानूनन बाध्य हैं।

यह लेख आपके अधिकारों की जानकारी देगा – विशेष रूप से जब आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में प्रवेश करते हैं, चाहे वह 5-स्टार हो या सड़क किनारे का ढाबा।


कानून क्या कहता है?

भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी रेस्टोरेंट और होटल अपने ग्राहकों को मुफ्त सादा पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं। साथ ही, वे आपको केवल बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। यदि कोई रेस्टोरेंट ऐसा करता है, तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं

सिर्फ इतना ही नहीं, 1867 के “इंडियन सराय एक्ट” के अनुसार, आप किसी भी होटल या सराय में बिना कमरा बुक किए शौचालय का उपयोग कर सकते हैं और पीने का पानी मांग सकते हैं। यह एक ऐतिहासिक कानून है जो आज भी लागू है और ग्राहकों को बुनियादी सुविधा सुनिश्चित करता है।


पानी के लिए दो विकल्प होते हैं – जानिए क्या है आपका हक

भारत के अधिकतर होटलों और रेस्तरां में दो तरह के पानी की सुविधा दी जाती है:

  1. सादा पानी (टैप/आरओ वाटर) – यह पूरी तरह से मुफ्त होता है।
  2. मिनरल या पैकेज्ड वाटर – यदि ग्राहक मांग करे, तो उसे अतिरिक्त शुल्क लेकर दिया जाता है।

5-स्टार होटलों में भी इस नियम का कड़ाई से पालन किया जाता है। बहुत से लोग केवल दिखावे या जानकारी के अभाव में महंगे बोतलबंद पानी का ऑर्डर दे देते हैं, जबकि मुफ्त आरओ पानी पूरी तरह सुरक्षित और पीने योग्य होता है।

यह जानना ज़रूरी है कि कोई भी होटल या रेस्टोरेंट सिर्फ बोतलबंद पानी ही देगा – ऐसा कहकर सादा पानी देने से मना नहीं कर सकता। अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह सीधा उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।


अगर रेस्टोरेंट नियम नहीं माने तो क्या करें?

यदि कोई मझोले या छोटे स्तर का रेस्टोरेंट उपरोक्त नियमों का पालन नहीं कर रहा है, तो आप निम्नलिखित कार्रवाई कर सकते हैं:

  • स्थानीय नगरपालिका/नगर निगम में लिखित शिकायत दर्ज करें।
  • इस शिकायत की एक प्रति जिला कलेक्टर (जिला मजिस्ट्रेट) को भी भेजें।
  • यदि आवश्यक हो तो उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत की जा सकती है।

आजकल शिकायतें ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी की जा सकती हैं, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज हो गई है।


शौचालय उपयोग पर भी है स्पष्ट नियम

कई बार लोगों को यात्रा के दौरान या किसी आपात स्थिति में शौचालय की जरूरत होती है, लेकिन होटल में रुकने का कोई इरादा नहीं होता। ऐसे में भी होटल आपको शौचालय का उपयोग करने से मना नहीं कर सकता
1867 के इंडियन सराय एक्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति होटल में रुकने के बिना भी वहां का शौचालय और पानी इस्तेमाल कर सकता है।

यह कानून विशेष रूप से सार्वजनिक सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया था और आज के दौर में भी उतना ही प्रासंगिक है।


पानी की गुणवत्ता और जिम्मेदारी

होटल और रेस्टोरेंट को न केवल मुफ्त सादा पानी देना होता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होता है कि वह पानी स्वच्छ और पीने योग्य हो।
यदि आप देखते हैं कि पानी गंदा है, या उसका स्रोत संदिग्ध है, तो यह भी एक शिकायत का मामला बनता है।

इसके लिए आप स्वास्थ्य विभाग या खाद्य सुरक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।


जागरूकता क्यों जरूरी है?

भारत में बहुत से लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं। यही कारण है कि रेस्टोरेंट और होटल अक्सर कानून का उल्लंघन करते हैं।
हममें से कई लोग बिना सवाल किए बोतलबंद पानी खरीद लेते हैं या सार्वजनिक सुविधा न मिलने पर चुपचाप बाहर चले जाते हैं।

अगर हम सभी अपने अधिकारों के प्रति सजग हो जाएं, तो इस प्रकार की समस्याएं स्वतः समाप्त हो सकती हैं।


जानिए, जागिए और अपने अधिकारों की रक्षा कीजिए

पानी और शौचालय की सुविधा लक्ज़री नहीं, बल्कि बुनियादी अधिकार है।
सरकार ने इन अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए स्पष्ट कानून और दिशा-निर्देश बनाए हैं। अब जिम्मेदारी हमारी है कि हम इन अधिकारों का पालन सुनिश्चित कराएं।


📢 अपील:
अगर आपसे भी कभी होटल या रेस्टोरेंट में मुफ्त सादा पानी या शौचालय की सुविधा से वंचित किया गया है, तो अब चुप न रहें।
आवाज़ उठाएं, शिकायत करें और दूसरों को भी जागरूक करें।

“पानी सबका अधिकार है – इसे व्यवसाय नहीं बनाया जा सकता।”


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