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क्या सुरजपुर के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी की डिग्री एक बड़ा सवाल बनकर सामने आएगी?

Dr. Prince Jaiswal’s Fake Degree Controversy,

सुरजपुर: जब से बैकुंठपुर के पार्षद संजय जायसवाल ने प्रभारी डीपीएम डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की डिग्रियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, तब से जिले में एक नई हलचल मच गई है। यह आरोप सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि जिले के स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। संजय जायसवाल ने कलेक्टर सुरजपुर को एक पत्र सौंपकर मामले की जांच की मांग की है। उनके अनुसार, डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की डिग्रियां फर्जी हैं, और यह बात पूरे जिले के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

डॉक्टर प्रिंस जायसवाल, जिन्होंने कई वर्षों से सुरजपुर जिले सहित कोरिया में भी स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दी हैं, अब एक ऐसे विवाद में घिर गए हैं, जिसने उनकी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया है। संजय जायसवाल का आरोप है कि डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की एमपीएच (Master of Public Health) डिग्री जिस विश्वविद्यालय से मिली है, वह विश्वविद्यालय संबंधित पाठ्यक्रम की नियमित पढ़ाई नहीं कराता। इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि डॉक्टर साहब ने एक और डिग्री, जो एमबीए (Master of Business Administration) की है, वह भी फर्जी है, जो सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय से प्राप्त बताई जा रही है।

कलेक्टर को भेजा गया ज्ञापन

संजय जायसवाल ने कलेक्टर सुरजपुर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की डिग्री की गहराई से जांच की जाए। उनका यह भी कहना था कि डॉक्टर साहब ने पहले अपनी एमपीएच डिग्री की जांच पर दावा किया था कि सब कुछ सही है, लेकिन कलेक्टर ने इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय रायपुर भेजने का आदेश दिया था। अब, संजय जायसवाल का आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर प्रिंस जायसवाल ने अपनी नई एमबीए डिग्री लगा दी है, जो भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है।

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एक ऐसा आरोप, जो सवालों के घेरे में

संजय जायसवाल का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2024 में पहले भी इस मामले की शिकायत की थी, लेकिन इस समय जो एमबीए डिग्री डॉक्टर प्रिंस जायसवाल विभाग में प्रस्तुत कर रहे हैं, वह उसी सत्र की है, जिसका उपयोग उन्होंने अपनी पीजी डिग्री के लिए किया था। अब सवाल यह उठता है कि एक व्यक्ति एक ही समय में दो डिग्रियां कैसे प्राप्त कर सकता है? क्या यह संभव है कि वह एक साथ एमपीएच और एमबीए की पढ़ाई कर सके? संजय जायसवाल के अनुसार, यह पूरी तरह से असंभव है और यह सब कुछ गहरी साजिश का हिस्सा लगता है।

क्या सच्चाई सामने आएगी?

यह पूरा मामला अब धीरे-धीरे एक जांच का विषय बनता जा रहा है। संजय जायसवाल के आरोपों के बाद कलेक्टर सुरजपुर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच का आदेश दिया है। फिलहाल यह जांच चल रही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की डिग्रियों के बारे में सच सामने आएगा? क्या यह महज एक आरोप है, या फिर एक बड़ा घोटाला सामने आने वाला है?

जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए यह एक कड़ी चुनौती बन चुकी है। यदि इन आरोपों में कोई सच्चाई सामने आती है, तो यह न केवल डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की पेशेवर ज़िंदगी के लिए संकट पैदा कर सकता है, बल्कि जिला स्वास्थ्य विभाग की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

इस पूरे मामले में कुछ सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। क्या डॉक्टर प्रिंस जायसवाल को अपनी डिग्री के मामले में जांच का सामना करना पड़ेगा? क्या इस पूरे मामले में कोई नया मोड़ आएगा? यह सब समय बताएगा।

संजय जायसवाल का कहना है कि उन्होंने यह शिकायत सार्वजनिक रूप से नहीं की, बल्कि कलेक्टर के पास भेजी थी, ताकि मामले की गंभीरता को सही तरीके से जांचा जा सके। अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की डिग्री फर्जी हैं, तो यह एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि इनकी जिम्मेदारी सीधे स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी हुई है।

कलेक्टर के आदेश पर अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय रायपुर में इस मामले की जांच चल रही है, और सभी को इस जांच का परिणाम आने का इंतजार है। सवाल यह है कि क्या इस जांच के बाद डॉक्टर प्रिंस जायसवाल की मुश्किलें बढ़ेंगी, या वह खुद को निर्दोष साबित करने में कामयाब होंगे?

यह मामला अब केवल एक डिग्री की सच्चाई का नहीं रहा, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य विभाग की पारदर्शिता और ईमानदारी की परीक्षा बन चुका है। चाहे जो हो, अब इस मामले के नतीजे सभी के लिए इंतजार का विषय होंगे।


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