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एमसीबी/ Nh43 से लगें ग्राम पंचायत मुक्तियारपारा सलका की मुख्य सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह धंस चुका है। नीचे की मिट्टी बह जाने के कारण सड़क किनारे एक गहरा और खतरनाक गड्ढा बन चुका है, जिसके ऊपर से हर रोज़ स्कूली बच्चों से भरी बसें और अन्य वाहन गुजरते हैं। यह स्थिति न केवल बेहद चिंताजनक है, बल्कि आगामी बारिश के मौसम में किसी बड़े हादसे का निमंत्रण भी बन चुकी है।

स्थिति की भयावहता एक नजर में सड़क के नीचे से मिट्टी बह चुकी है, जिससे पक्की सड़क का किनारा पूरी तरह बैठ गया है। गहरा गड्ढा खुला पड़ा है जिससे कभी भी भारी वाहन सहित बस गिर सकती है।मौके पर न कोई चेतावनी बोर्ड, न कोई बैरिकेडिंग, न ही सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। नीचे की पाइपलाइन भी क्षतिग्रस्त होती दिख रही है, जिससे भू-धंसाव और तेज़ हो सकता है।
स्कूल बसें, एम्बुलेंस और ग्रामीण जीवन – सब कुछ दांव पर
यह वही मार्ग है जिससे रोज़ाना स्कूली बच्चों की बस गुजरती है। साथ ही, एम्बुलेंस और ग्रामीणों के दैनंदिन आवागमन का भी यही मुख्य रास्ता है। इस हालत में एक छोटी सी चूक भी बहुजन की जान जोखिम में डाल सकती है।
हमने कई बार पंचायत और विभागीय अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई लगता है प्रशासन किसी हादसे का इंतज़ार कर रहा है स्थानीय निवासी, गहरी नाराज़गी जताते हुए।
निष्क्रियता की कीमत – कहीं मासूमों की जान न हो जाए साफ है कि अगर समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो यह टूटी हुई सड़क किसी बड़ी मानव त्रासदी का कारण बन सकती है। यह सिर्फ एक गड्ढा नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही का गहरा प्रमाण है।
प्रशासन से अपील है कि अब और देर न करते हुए जनहित में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।ली गई तस्वीरें स्पष्ट रूप से खतरे की चेतावनी दे रही हैं। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन जागेगा, या हादसा होने के बाद फाइलें चलेंगी?

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