📰 सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगी रोक हटी, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आदेश किया निरस्त – कहा, “मीडिया हमारा आईना है”
रायपुर।
छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता पर लगाई गई प्रशासनिक रोक को लेकर मचे बवाल के बाद अब राहत की खबर आई है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पत्रकारों के विरोध को गंभीरता से लेते हुए, सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
मंत्री ने यह ऐलान करते हुए कहा,
“मीडिया हमारी आंखें और कान हैं। वह हमें हमारी कमियों से अवगत कराता है और सुधार का अवसर देता है। हमारा उद्देश्य कभी भी मीडिया की आवाज़ को दबाना नहीं था।“
🔁 पुराना आदेश रद्द, नया आदेश सभी की सहमति से
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि वर्तमान में स्वास्थ्य सचिव विदेश दौरे पर हैं। उनके लौटने के बाद सभी पत्रकार संगठनों के साथ बैठक कर, संशोधित आदेश जारी किया जाएगा, जिसमें सभी आपत्तिजनक प्रावधानों की समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा।
⚠️ पत्रकारों के विरोध के बाद बड़ा कदम
इस आदेश के विरोध में रायपुर सहित पूरे प्रदेश में पत्रकारों ने सड़क पर उतर कर अंबेडकर चौक पर प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था।
प्रेस क्लब रायपुर के नेतृत्व में पत्रकारों ने सरकार को साफ चेतावनी दी थी कि यदि तीन दिनों के भीतर आदेश वापस नहीं लिया गया, तो पूरे राज्य में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
🗣️ प्रेस क्लब की प्रतिक्रिया
प्रेस क्लब रायपुर अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने इस निर्णय पर कहा:
“यह तानाशाही आदेश लोकतंत्र के मूल स्वरूप के विरुद्ध था। पत्रकारों की एकता और जनसमर्थन के कारण यह आदेश निरस्त हुआ है। यह मीडिया की जीत है और सच्चाई की भी।“
- 👥 आगे की रणनीति क्या होगी?
स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया कि अब से कोई भी नया निर्देश पत्रकारों और प्रेस क्लब से विचार-विमर्श के बाद ही लागू किया जाएगा। साथ ही सभी जिला और क्षेत्रीय अधिकारियों को भी इस निर्णय से अवगत कराया गया है।
📌 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में प्रेस की स्वतंत्रता को बचाए रखने की दिशा में यह फैसला एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब मीडिया एकजुट होता है, तो लोकतंत्र मजबूत होता है और सत्ता जवाबदेह बनती है।
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