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छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यहाँ कई पर्यटन स्थल है इनमें से है हम पांच प्रमुख पर्यटन स्थलों (जो पर्यटकों के पसंदीदा स्थल है) की जानकारी दे रहें है, जिसमें उनके स्थान, स्थानीय संस्कृति, आकर्षण, जलवायु, आवास और भोजन के बारे में विवरण शामिल है:


1. चित्रकोट जलप्रपात

  • स्थान: बस्तर जिला, जगदलपुर से लगभग 38 किमी दूर।
  • स्थानीय संस्कृति: यह क्षेत्र गोंड और मारिया जैसी जनजातीय समुदायों का निवास स्थान है, जो अपनी विशिष्ट परंपराओं और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • आकर्षण: “भारत का नियाग्रा” कहलाने वाला चित्रकोट जलप्रपात देश का सबसे चौड़ा जलप्रपात है। शुष्क मौसम में यहाँ नौका विहार का आनंद लिया जा सकता है।
  • जलवायु: अक्टूबर से फरवरी तक मौसम सुहावना रहता है; मानसून (जुलाई–सितंबर) के दौरान जलप्रपात की सुंदरता और बढ़ जाती है।
  • आवास: जगदलपुर और जलप्रपात के निकट सरकारी और निजी होटल उपलब्ध हैं।
  • भोजन: स्थानीय जनजातीय व्यंजनों में लाल चींटी की चटनी, बांस का अचार, और पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसे चीला और फरा शामिल हैं।

2. भोरमदेव मंदिर

  • स्थान: कवर्धा जिला, रायपुर से लगभग 135 किमी दूर।
  • स्थानीय संस्कृति: यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, जहाँ जनजातीय समुदाय पारंपरिक कला रूपों और त्योहारों का पालन करते हैं।
  • आकर्षण: मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और खजुराहो मंदिरों से समानता के लिए जाना जाता है।
  • जलवायु: अक्टूबर से मार्च के बीच का समय यात्रा के लिए सर्वोत्तम है। गर्मियों में तापमान अधिक होता है।
  • आवास: कवर्धा नगर में होटल और गेस्टहाउस उपलब्ध हैं।
  • भोजन: स्थानीय शाकाहारी भोजन में चावल, दाल और मौसमी सब्जियाँ मुख्य रूप से शामिल हैं।

3. बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य

  • स्थान: महासमुंद जिला, रायपुर से लगभग 100 किमी दूर।
  • स्थानीय संस्कृति: आसपास के गाँव छत्तीसगढ़ की ग्रामीण जीवनशैली को दर्शाते हैं, जहाँ हरेली और पोला जैसे पारंपरिक त्योहार उत्साहपूर्वक मनाए जाते हैं।
  • आकर्षण: अभयारण्य में बाघ, तेंदुआ, बाइसन और विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ जीप सफारी की सुविधा उपलब्ध है।
  • जलवायु: नवंबर से फरवरी तक का समय यात्रा के लिए उत्तम है; गर्मियों में मौसम गर्म और शुष्क होता है।
  • आवास: वन विश्राम गृह, इको-रिसॉर्ट, और रायपुर तथा महासमुंद में होटल उपलब्ध हैं।
  • भोजन: पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजनों में बरा, चना समोसा, और देहरौरी शामिल हैं।

4. सिरपुर

  • स्थान: महासमुंद जिला, रायपुर से लगभग 78 किमी दूर।
  • स्थानीय संस्कृति: सिरपुर ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो बौद्ध और हिंदू सांस्कृतिक स्थलों के लिए जाना जाता है।
  • आकर्षण: प्रमुख स्थलों में लक्ष्मण मंदिर, गंधेश्वर मंदिर, और बौद्ध विहार शामिल हैं।
  • जलवायु: अक्टूबर से मार्च तक का समय दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आदर्श है।
  • आवास: रायपुर और महासमुंद में गेस्टहाउस, होमस्टे, और होटल उपलब्ध हैं।
  • भोजन: स्थानीय रेस्तरां में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन मिलते हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ी थाली विशेष रूप से लोकप्रिय है।

5. मैनपाट (छत्तीसगढ़ का मिनी तिब्बत)

  • स्थान: सरगुजा जिला, अंबिकापुर से लगभग 178 किमी दूर।
  • स्थानीय संस्कृति: इस क्षेत्र में तिब्बती बस्ती है, जो तिब्बती और जनजातीय संस्कृतियों का अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करती है।
  • आकर्षण: मुख्य आकर्षणों में तिब्बती मठ, टाइगर पॉइंट जलप्रपात, और जलजली, एक उछलती भूमि संरचना, शामिल हैं।
  • जलवायु: साल भर मौसम सुहावना रहता है, सर्दियों में ठंड और गर्मियों में हल्की ठंडक होती है।
  • आवास: मैनपाट और अंबिकापुर में होटल, रिसॉर्ट, और तिब्बती गेस्टहाउस उपलब्ध हैं।
  • भोजन: पारंपरिक छत्तीसगढ़ी भोजन के साथ-साथ तिब्बती व्यंजन जैसे मोमोज़ और थुकपा भी लोकप्रिय हैं।

इस व्यस्त जीवन की व्यस्त दिनचर्या से कुछ दिन निकालिए और छत्तीसगढ़ की इन मनोरम स्थलों के भ्रमण का आनंद लीजिए।

इन स्थलों के बारे में आप क्या सोचते है हमें कमेंट बॉक्स में coment post अवश्य करें।।



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