कैद में भी आस्था का संगम: जिला जेल बैकुंठपुर में बंदियों के लिए गंगा जल स्नान
(कोरिया, 25 फरवरी 2025)
महाकुंभ के पावन अवसर पर जब देशभर के श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने जेलों में निरुद्ध बंदियों के लिए भी आध्यात्मिक शुद्धि और आत्मशांति का अवसर प्रदान किया है। इसी कड़ी में जिला जेल बैकुंठपुर में गंगा जल स्नान का विशेष आयोजन किया गया, जिसने जेल परिसर को भक्तिमय वातावरण में परिवर्तित कर दिया।
पवित्र गंगा जल से आत्मशुद्धि का अवसर
राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष निर्देश पर प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से पवित्र गंगा जल मंगवाया गया। जेल परिसर में एक अस्थायी घाट का निर्माण किया गया, जहां बंदियों ने श्रद्धा और आस्था के साथ गंगा जल से स्नान किया। इस विशेष आयोजन के दौरान पूरा माहौल आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा से भर गया।

बंदियों के लिए आध्यात्मिक अनुभूति
गंगा जल स्नान के इस अनूठे आयोजन के दौरान बंदियों ने इसे आत्मिक शांति और आत्ममंथन का अवसर बताया। कई बंदियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल से उन्हें ऐसा अनुभव हुआ मानो वे स्वयं महाकुंभ के पावन संगम में स्नान कर रहे हों। जेल प्रशासन ने बंदियों को स्नान के साथ-साथ पूजा-पाठ करने और अपने भीतर की नकारात्मकता को त्यागने का संदेश भी दिया।
जेल प्रशासन की भूमिका
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में जिला जेल बैकुंठपुर के सहायक जेल अधीक्षक श्री आबिद रजा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने बताया कि यह पहल उन बंदियों के लिए है, जो महाकुंभ में जाकर पुण्य अर्जन नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “आध्यात्मिकता और सुधार के दृष्टिकोण से इस आयोजन का उद्देश्य बंदियों में सकारात्मकता और आत्मशुद्धि की भावना को जागृत करना है।”

सुधारात्मक न्याय की दिशा में एक नया कदम
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल व्यापक सराहना प्राप्त कर रही है और इसे सुधारात्मक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस आयोजन के माध्यम से बंदियों को यह संदेश दिया गया कि कैद की दीवारें उनकी आत्मा की पवित्रता को बाधित नहीं कर सकतीं।
बंदियों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में भाग लेने वाले कई बंदियों ने इस पहल के प्रति आभार व्यक्त किया। एक बंदी ने भावुक होते हुए कहा, “हमने सोचा नहीं था कि जेल में रहते हुए भी हमें गंगा जल से स्नान करने और अपने पापों का प्रायश्चित करने का अवसर मिलेगा। यह अनुभव जीवन में एक नई आशा और सुधार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।”
भक्तिमय वातावरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम
गंगा जल स्नान के साथ-साथ जेल परिसर में भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन भी किया गया, जिसमें बंदियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भजन की मधुर स्वर लहरियों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया और बंदियों को मानसिक शांति प्रदान की।
सरकार की अनूठी पहल को सराहना
छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल को सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी सराहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आयोजन न केवल बंदियों को आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन में सुधार और पुनर्वास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
आगे की योजना
जेल प्रशासन ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि बंदियों को मानसिक और आत्मिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। इस पहल के माध्यम से जेल में बंद कैदी सिर्फ सजा नहीं काटेंगे, बल्कि अपने भीतर सुधार की भावना के साथ समाज में पुनः एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार हो सकेंगे।
इस तरह, जिला जेल बैकुंठपुर में आयोजित गंगा जल स्नान का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि यह बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास के रूप में भी स्थापित हुआ।