बैकुण्ठपुर, 08 मई 2025
कोरिया जिले में सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को लेकर एक नई मिसाल कायम करते हुए जिला प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा चलाए जा रहे विशेष नेत्र परीक्षण अभियान के अंतर्गत 08 मई को बचरापोंडी हाट बाजार में सातवाँ निःशुल्क नेत्र शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर न केवल नेत्र परीक्षण तक सीमित रहा, बल्कि सामाजिक समर्पण, प्रशासनिक कुशलता और नागरिक सहभागिता का जीवंत उदाहरण भी बना।
सड़क सुरक्षा के लिए दृष्टि परीक्षण अनिवार्य
01 मई से 22 मई 2025 तक चल रहे इस विशेष अभियान का प्रमुख उद्देश्य वाहन चालकों की दृश्य क्षमता की जांच कर संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है। शोध और अनुभव दर्शाते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं के कई मामलों में वाहन चालकों की कमजोर दृष्टि एक प्रमुख कारण बनती है। ऐसे में यह पहल समयानुकूल और अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। जिला परिवहन विभाग द्वारा संचालित यह अभियान न केवल नेत्र परीक्षण की सुविधा दे रहा है, बल्कि लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति भी जागरूक कर रहा है।
नेत्र शिविर का आयोजन: सेवा और समर्पण का संगम
बचरापोंडी हाट बाजार में आयोजित यह सातवाँ शिविर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला, जिसमें सैकड़ों वाहन चालकों ने अपनी आंखों की जांच करवाई। अनुभवी नेत्र विशेषज्ञ मोहसीन रज़ा और उनकी टीम ने पूरी लगन से कार्य करते हुए प्रत्येक चालक की जांच की। जिन चालकों में दृष्टि दोष पाया गया, उन्हें तुरंत निःशुल्क चश्मे और आवश्यक दवाएं वितरित की गईं। इससे न केवल उनकी दृश्य क्षमता में सुधार हुआ, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा।
समाजसेवी संस्थाओं की भागीदारी: एक सकारात्मक उदाहरण
इस शिविर की सफलता में ‘आर्थो वेलफेयर फाउंडेशन’ की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। संस्था के सक्रिय सदस्य — मनोज कुमार मंडल, कु. नंदनी, आकांक्षा गिद्ध, माही पंकज और सरिता कुर्रे — पूरे आयोजन में निरंतर जुटे रहे। उन्होंने न केवल व्यवस्थाओं को संभाला, बल्कि वाहन चालकों को आवश्यक जानकारी भी दी। यह सहभागिता दर्शाती है कि जब सामाजिक संगठन प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते हैं, तो परिणाम और भी प्रभावशाली होते हैं।
शिविर का संचालन जिला परिवहन अधिकारी श्री अनिल भगत के मार्गदर्शन में अत्यंत व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से हुआ। उन्होंने शिविर में आने समस्त वाहन चालकों से अपील की है कि अपने अपने आँखों की जांच अवश्य कराये। संस्था अध्यक्ष शकील अहमद ने उपस्थित चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि “दृष्टि की स्पष्टता वाहन संचालन की बुनियादी शर्त है। सभी चालकों को नियमित नेत्र परीक्षण कराना चाहिए, ताकि न केवल उनकी सुरक्षा बनी रहे, बल्कि अन्य यात्रियों का जीवन भी सुरक्षित रहे।”
जन प्रतिक्रिया और सामाजिक प्रभाव
शिविर में भाग लेने वाले वाहन चालकों और स्थानीय नागरिकों ने इस पहल की खुलकर सराहना की। कई चालकों ने कहा कि आर्थिक कारणों से वे नियमित रूप से आंखों की जांच नहीं करा पाते थे, लेकिन इस तरह के निःशुल्क शिविर उनके लिए वरदान साबित हो रहे हैं। उन्होंने प्रशासन और सामाजिक संगठनों का आभार व्यक्त किया और अपेक्षा जताई कि ऐसे शिविरों का आयोजन नियमित रूप से होता रहे।
जिला परिवहन अधिकारी अनिल भगत ने जानकारी दी कि 22 मई तक चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत जिले के अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह के नेत्र शिविर आयोजित किए जाएंगे। उनका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक वाहन चालक इस पहल का लाभ उठाएं और सुरक्षित ड्राइविंग को सुनिश्चित करें। विभाग ने सभी चालकों से अपील की है कि वे इन शिविरों में भाग लेकर अपनी आंखों की जांच अवश्य कराएं।
बचरापोंडी हाट बाजार में आयोजित यह नेत्र शिविर एक बार फिर यह साबित करता है कि प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं और आम जनता जब मिलकर कार्य करते हैं, तो किसी भी चुनौती का समाधान निकाला जा सकता है। यह शिविर न केवल स्वास्थ्य सेवा का विस्तार है, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता अभियान भी है, जो सड़क सुरक्षा के लिए नई दिशा प्रदान कर रहा है। आने वाले समय में कोरिया जिले की यह पहल पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकती है।