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क्या बजट 2025 ने आपकी टैक्स बचत को बढ़ाया है? जानिए आपके लिए क्या है फायदेमंद!

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 का सबसे बड़ा आकर्षण मध्यम वर्ग के वेतनभोगी करदाताओं को राहत देना है। लेकिन संशोधित कर स्लैब की घोषणा के बाद कई लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं—क्या सच में कर बचत होगी? नई व्यवस्था पुरानी से कितनी बेहतर है? और सबसे अहम, क्या आपको नई कर व्यवस्था अपनानी चाहिए?

आइए, आपके सभी सवालों के जवाब आसान भाषा में जानते हैं।

1. नए कर स्लैब – आपके लिए क्या बदला है?

बजट 2025 में कर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब, यदि आपकी वार्षिक आय 4 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।

🔹 4 लाख – 8 लाख रुपये की आय पर 5% टैक्स लगेगा।
🔹 8 लाख – 12 लाख रुपये की आय पर 10% टैक्स लगेगा।
🔹 12 लाख – 16 लाख रुपये की आय पर 15% टैक्स लागू होगा।
🔹 16 लाख – 20 लाख रुपये की आय पर 20% टैक्स देना होगा।
🔹 20 लाख – 24 लाख रुपये की आय पर 25% टैक्स लगेगा।
🔹 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लागू होगा।

2. मुख्य बदलाव: क्या आपको ज्यादा बचत होगी?

शून्य कर सीमा को पहले के 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख कर दिया गया है।
✔ 5% टैक्स स्लैब को 4-8 लाख कर दिया गया (पहले 3-7 लाख था)।
✔ 10% टैक्स स्लैब अब 8-12 लाख की आय पर लागू होगा (पहले 7-10 लाख था)।
✔ 12 लाख से ज्यादा आय वालों के लिए टैक्स स्लैब को अधिक संतुलित बनाया गया है।

3. 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त कैसे हो सकती है?

सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय वालों को छूट दी है। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक जाती है, जिसमें 75,000 रुपये की मानक कटौती शामिल है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी आय 12 लाख रुपये है, तो आपको 80,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है, जिससे आपका कर बोझ कम होगा।

4. अगर आपकी सैलरी 16 लाख रुपये है, तो कितना टैक्स देना होगा?

यदि आपकी सालाना आय 16 लाख रुपये है, तो इस तरह से टैक्स की गणना होगी:

पहले 4 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं
4-8 लाख रुपये पर 5% टैक्स → ₹20,000
8-12 लाख रुपये पर 10% टैक्स → ₹40,000
12-16 लाख रुपये पर 15% टैक्स → ₹60,000
🔹 कुल टैक्स = ₹1,20,000

👉 इसका मतलब? आपकी वर्तमान व्यवस्था की तुलना में 50,000 रुपये की टैक्स बचत!

5. 50 लाख रुपये सालाना आय वालों के लिए क्या बदलाव हुआ?

उच्च वेतन पाने वाले लोगों को भी नए टैक्स स्लैब का लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये है, तो आपको 10,80,000 रुपये टैक्स देना होगा, जो कि पहले के मुकाबले 1,10,000 रुपये कम है।

इसका सीधा मतलब यह है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा मध्यम वर्ग के हाथों में पैसा देना चाहती है, ताकि खर्च और उपभोग बढ़े।

6. क्या पुरानी कर व्यवस्था बंद हो गई है?

नहीं! वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुरानी कर व्यवस्था को बंद नहीं किया गया है। आप चाहें तो इसे जारी रख सकते हैं। नई कर व्यवस्था को अपनाना पूरी तरह से आपकी पसंद पर निर्भर करता है।

7. आपको पुरानी या नई कर व्यवस्था में से किसे चुनना चाहिए?

🚀 यदि आप ज्यादा छूट और कटौतियों का लाभ लेते हैं (जैसे HRA, 80C, 80D, होम लोन पर ब्याज छूट, आदि), तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।

🔹 उदाहरण के लिए, यदि आपकी आय 16 लाख रुपये है और आप 4 लाख रुपये की कटौती दिखाते हैं, तो आपकी टैक्स योग्य आय 12 लाख रुपये होगी।

पुरानी कर व्यवस्था के तहत, आपका टैक्स = ₹1,72,500
नई कर व्यवस्था के तहत, आपका टैक्स = ₹1,20,000

👉 कुल बचत = ₹52,500 (नई कर व्यवस्था अपनाने पर)

तो क्या करना चाहिए? अगर आपकी छूट और कटौतियां बहुत ज्यादा नहीं हैं, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है।

निष्कर्ष: कौन सी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर है?

🔹 यदि आप सरल कर प्रक्रिया और कम दरों को प्राथमिकता देते हैं, तो नई कर व्यवस्था अपनाएं।
🔹 यदि आप कई कटौतियों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
🔹 मध्यम वर्ग के लिए नई कर व्यवस्था में अधिक बचत के अवसर हैं।

अब फैसला आपका है—क्या आप पुरानी कर व्यवस्था के साथ छूट का फायदा उठाना चाहेंगे या नई व्यवस्था की सरलता को अपनाएंगे? 🤔💡


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