अनियमित कर्मचारियों की उपेक्षा से नाराज़गी, वादाखिलाफी का आरोप
छत्तीसगढ़।, रिपोर्ट- इंदु कश्यप।
प्रदेश में सरकार के गठन के पूर्व अनियमित कर्मचारियों से किए गए वादों को पूरा न किए जाने से असंतोष की स्थिति बनी हुई है। कर्मचारियों का कहना है कि चुनाव पूर्व मंचों से सरकार ने नियमितीकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन अब सरकार बनने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है।
अनियमित कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि मंचों से गंगाजल की शपथ लेकर वादा किया गया था कि सरकार बनते ही उनकी सेवाओं को नियमित किया जाएगा। लेकिन आज जब केंद्र, राज्य और नगर निकाय में एक ही दल की ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार है, तब भी कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार आवेदन और निवेदन के माध्यम से अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी मंत्री या जिम्मेदार प्रतिनिधि उनसे संवाद करने सामने नहीं आया।
महिला पुलिस वालंटियरों की सेवाएं समाप्त, विरोध में नाराज़गी
कोरिया जिले की 2,156 महिला पुलिस वालंटियर, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस और समाज के बीच सेतु का कार्य कर रही थीं, उनकी सेवाएं अचानक बिना किसी नोटिस के समाप्त कर दी गईं। इन महिला वालंटियरों ने अपनी सेवाओं के माध्यम से कई वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण में योगदान दिया था।
प्रभावित महिलाओं का आरोप है कि सरकार ने उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाकर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों के मूलभावना के विपरीत कार्य किया है।
सुनवाई की मांग
अनियमित कर्मचारी और पूर्व महिला वालंटियरों ने सरकार से अपील की है कि उनके मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाए, और पूर्व में दिए गए आश्वासनों के अनुरूप नियोजन या पुनः बहाली पर विचार किया जाए।