लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ
बैकुंठपुर। जिला मुख्यालय स्थित तेरापंथ भवन में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ 21 मई को किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री रामविचार नेताम (आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विकास एवं कृषि मंत्री) एवं बैकुंठपुर विधायक भैयालाल राजवाड़े ने फीता काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं लोकमाता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रदर्शनी में अहिल्याबाई होलकर की प्रेरणादायक जीवन यात्रा, संघर्ष, महिला सशक्तिकरण के प्रयास और हिंदू धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार में उनके अतुलनीय योगदान को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
इतिहास पर अमिट छाप छोड़ने वाली समाज सुधारक
अपने संबोधन में मंत्री रामविचार नेताम ने कहा:
“लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का जीवन धर्म, राजनीति और लोककल्याण का उच्चतम आदर्श है। उन्होंने नारी सशक्तिकरण, न्याय व्यवस्था और मंदिरों के पुनरुद्धार में जो कार्य किए, वे आज भी अनुकरणीय हैं। उनका योगदान राष्ट्र की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है।”
कार्यक्रम के दौरान देवी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र का भी प्रदर्शन किया गया, जिसे उपस्थित अतिथियों और नागरिकों ने सराहा।
लोकमाता के कार्य आज भी प्रेरणास्रोत
विधायक भैयालाल राजवाड़े ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर इतिहास की एक ऐसी महिला शासक थीं जिनके पुनरुद्धार कार्य आज भी जीवंत प्रतीत होते हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने उन्हें राजमाता से लोकमाता बनने वाली विरल शासक बताया जिनकी नीतियाँ आज के युग में भी प्रेरणा देती हैं।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष शैलेष शिवहरे, महामंत्री पंकज गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित पैकरा, उपाध्यक्ष वंदना राजवाड़े, नगर पालिका अध्यक्ष नविता शिवहरे, सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित रहे।
सभी आगंतुकों ने विज़िटर बुक में अपने विचार साझा करते हुए आयोजन की सराहना की।
यह चित्र प्रदर्शनी 22 मई की सायं 7 बजे तक आम जन के लिए खुली रहेगी, जिसमें महिला सशक्तिकरण और देशभक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।