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राज्य स्तरीय कायाकल्प निरीक्षण टीम ने बैकुंठपुर जिला चिकित्सालय एवं पटना स्वास्थ्य केंद्र का किया मूल्यांकन

कोरिया, 23 मई 2025।
राज्य स्तरीय कायाकल्प मूल्यांकन टीम ने 22 मई को कोरिया जिले के दो प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों—जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना—का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण ‘कायाकल्प कार्यक्रम’ के तहत स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता, स्वच्छता और रोग नियंत्रण के मानकों के आधार पर किया गया।

टीम ने संस्थानों का मूल्यांकन आठ निर्धारित मानकों के आधार पर किया, जिनमें स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय संरक्षण, सेवाओं की उपलब्धता, सूचना संप्रेषण, व्यवहार प क्ष एवं नागरिक सहभागिता शामिल थे।

निरीक्षण दल की संरचना

निरीक्षण टीम का नेतृत्व संयुक्त संचालक डॉ. अनिल कुमार शुक्ला एवं डॉ. जितेंद्र कुमार ने किया। उनके साथ राज्य सलाहकार श्री रामकृष्ण पांडेय, डॉ. प्रीतम राय, श्रीमती मोनिका साहू, एवं अस्पताल सलाहकार श्री निलेश गुप्ता उपस्थित थे। टीम का पारंपरिक स्वागत नर्सिंग छात्राओं द्वारा पुष्पगुच्छ एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।

संस्थान की प्रस्तुति और निरीक्षण प्रक्रिया

स्वागत समारोह के पश्चात अस्पताल प्रबंधक द्वारा संस्थान की वर्तमान स्थिति, उपलब्ध सेवाओं एवं पूर्व कायाकल्प उपलब्धियों पर प्रस्तुति दी गई। इसके उपरांत टीम को विभिन्न उप-समूहों में बाँटकर अस्पताल परिसर, ओपीडी, आईपीडी, प्रसूति वार्ड, शौचालय, अपशिष्ट निपटान केंद्र, स्टोर रूम एवं रिकॉर्ड रूम सहित विभिन्न विभागों का विस्तृत निरीक्षण कराया गया।

निरीक्षण के दौरान टीम ने रोगियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उनकी संतुष्टि का मूल्यांकन भी किया। मरीजों ने चिकित्सा सेवाओं, दवाओं की उपलब्धता, स्वच्छता, कर्मचारियों के व्यवहार आदि पर संतोषजनक प्रतिक्रिया दी।

समीक्षा बैठक एवं सुझाव

कार्यक्रम के समापन पर एक संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें निरीक्षण के दौरान प्राप्त बिंदुओं पर चर्चा करते हुए टीम ने आवश्यक सुधारात्मक सुझाव प्रस्तुत किए। टीम द्वारा दी गई समग्र फीडबैक को आगामी कायाकल्प सुधार योजनाओं में समाहित किया जाएगा।

प्रशासनिक उपस्थिति

इस निरीक्षण कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह, सिविल सर्जन डॉ. आयुष जायसवाल, आरएमओ डॉ. कार्तिकेय सिंह, डॉ. अनित बाखला, डीपीएम डॉ. अशरफ अंसारी, अस्पताल सलाहकार, सभी विभागीय प्रभारी, क्वालिटी नोडल अधिकारी, नर्सिंग इंचार्ज सहित बड़ी संख्या में चिकित्सा एवं सहायक कर्मचारी उपस्थित रहे।

यह निरीक्षण न केवल संस्थानों की वर्तमान स्थिति को मूल्यांकित करने का माध्यम था, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में एक आवश्यक पहल भी है। टीम द्वारा दिए गए सुझावों पर यदि त्वरित अमल किया जाए, तो यह संस्थाएं ‘कायाकल्प’ मानकों की दिशा में राज्य में उदाहरण प्रस्तुत कर सकती हैं।


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