मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम, चिरमिरी में आज मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत एक भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह को सुनिश्चित करना था, ताकि उन्हें सम्मान और गरिमा के साथ अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण अध्याय की शुरुआत करने का अवसर मिल सके। इस समारोह में जिले के तीनों विकासखंडों—मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, और खड़गवां—से कुल 138 जोड़ों ने सात फेरे लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की।
यह आयोजन मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत हुआ, जिसके माध्यम से राज्य सरकार ने हर नवविवाहित जोड़े को 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत भव्य सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन की गई। इसके साथ ही, विवाह के आयोजन की भव्यता को बनाए रखने के लिए प्रत्येक जोड़े को 7,000 रुपये श्रृंगार सामग्री और 8,000 रुपये विवाह आयोजन व्यय के रूप में दिए गए। इस प्रकार, राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर जोड़ों को वित्तीय सहायता और सामाजिक सहयोग देने का प्रयास किया, ताकि वे अपनी नई जिंदगी को मजबूती से शुरू कर सकें।
कार्यक्रम का उद्घाटन महिला बाल विकास अधिकारी राजकुमार खाती के उद्बोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और उनके सुखमय जीवन की कामना की। उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह सामूहिक विवाह सम्मेलन केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि यह गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक संजीवनी की तरह है। उनके उद्बोधन में यह संदेश भी था कि इस योजना के माध्यम से हर बेटी का विवाह सम्मानजनक तरीके से हो, जो कि समाज की उन्नति के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष लखन श्रीवास्तव ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक विवाह सम्मेलन न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा देता है, बल्कि यह परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी चिंताओं को भी कम करता है। उनके अनुसार, इस तरह के आयोजनों से न केवल परिवारों का आर्थिक बोझ हल्का होता है, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना भी मजबूत होती है।
नगर निगम चिरमिरी के महापौर राम नरेश राय ने भी अपने संबोधन में इस कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से समाज में परस्पर सहयोग और एकता की भावना को बल मिलता है। उनका कहना था कि बेटियों का सम्मान और उनका सुरक्षित भविष्य समाज की उन्नति का आधार है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना सरकार की इसी सोच का प्रतीक है, जो यह सुनिश्चित करती है कि हर बेटी का विवाह पूरे सम्मान और गरिमा के साथ हो।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह को सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 15 वर्ष पूर्व की थी, और अब वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह योजना और भी सशक्त रूप से कार्य कर रही है। मंत्री जी ने कहा कि इस योजना के तहत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े को 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है, ताकि वे अपने नए जीवन की बेहतर शुरुआत कर सकें।
कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी उपस्थित जनों को शपथ दिलाई गई। यह शपथ बाल विवाह को जड़ से समाप्त करने और समाज में बेटियों को शिक्षा और उज्जवल भविष्य का अवसर देने के लिए ली गई। शपथ समारोह के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों और समाज के अन्य सम्माननीय व्यक्तियों ने इस सामाजिक कुप्रथा को समाप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इस अवसर पर नगर पालिक निगम चिरमिरी के महापौर राम नरेश राय, जिला पंचायत एमसीबी की अध्यक्ष यशवंती सिंह, नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ की अध्यक्ष प्रतिमा यादव, नगर पंचायत नई लेदरी के अध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह राणा, नगर पंचायत झगराखाण्ड की अध्यक्ष रीमा यादव, नगर पंचायत खॉगापानी की अध्यक्ष ललिता रामा यादव, जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ की अध्यक्ष जानकी बाई, जनपद पंचायत खड़गवां की अध्यक्ष श्याम बाई मरकाम सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इन सभी जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए और इस योजना की सफलता के लिए सरकार की सराहना की।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारीगण भी इस भव्य आयोजन में शामिल हुए। इनमें जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभम बंसल, अनुविभागीय अधिकारी रा. विजयेन्द्र सारथी, परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर) और महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्य कर्मचारी शामिल थे। इन अधिकारियों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक किया।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत इस तरह के आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है। यह योजना समाज में समानता, सहयोग और एकता की भावना को बढ़ावा देती है। इससे न केवल नवविवाहित जोड़ों को खुशी और राहत मिलती है, बल्कि यह उनकी सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करता है। इसके अलावा, यह योजना समाज में बाल विवाह की रोकथाम और बेटियों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस आयोजन के माध्यम से यह सिद्ध हो रहा है कि जब सरकार, समाज और परिवार मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी सामाजिक कुप्रथा को समाप्त किया जा सकता है और समाज में समानता की दिशा में काम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना एक ऐसी मिसाल है, जो यह दर्शाती है कि सरकार की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये जनता के जीवन में वास्तविक बदलाव लाती हैं।