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फर्जी डिग्री से नौकरी का खुलासा: सूरजपुर के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिंस जायसवाल की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त

📅 सूरजपुर | 27 मई 2025

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ ने सूरजपुर जिले में पदस्थ प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिंस जायसवाल की संविदा सेवा को फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने के मामले में तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। यह निर्णय मिशन संचालक एवं आयुक्त द्वारा जारी आदेश के माध्यम से लिया गया।आदेश कॉपी

🏥 फर्जी डिग्री का भंडाफोड़

डॉ. जायसवाल ने अपने पदस्थापन के समय साबरमती विश्वविद्यालय, गुजरात से प्राप्त डिग्री प्रस्तुत की थी, जो कि पुलिस अधीक्षक सूरजपुर की जांच में संदिग्ध और फर्जी पाई गई। इस मामले में उन्हें तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया गया था, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर यह कठोर कार्रवाई की गई।

⚖️ न्यायिक प्रक्रिया का हवाला, लेकिन ठोस प्रमाण नहीं

डॉ. प्रिंस जायसवाल ने 30 दिन का अतिरिक्त समय मांगते हुए बताया कि उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूरजपुर के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया है, किंतु उनके पक्ष में कोई स्थगन आदेश या वैध दस्तावेज अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया।

📜 मानव संसाधन नीति के उल्लंघन पर कार्रवाई

मिशन संचालक ने स्पष्ट किया कि यह मामला मानव संसाधन नीति 2018 की धारा 34.3 के अंतर्गत गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। इसलिए 23 फरवरी 2024 को जारी नियुक्ति आदेश को निरस्त करते हुए सेवा समाप्ति का आदेश पारित किया गया है।

🔁 विडंबना: दूसरों पर आरोप लगाने वाला खुद दोषी निकला

यह प्रकरण और भी विवादास्पद तब बन गया, जब डॉ. प्रिंस जायसवाल ने पूर्व में एक अन्य डॉक्टर की डिग्री फर्जी होने का आरोप लगाया था, परंतु जांच में स्वयं उनकी ही डिग्री अवैध पाई गई।


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