Spread the love

 

छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों की उपेक्षा से आक्रोश

रिपोर्ट –इंदु कश्यप

रायपुर, 12 मई 2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे अनियमित कर्मचारी राज्य सरकार की निरंतर उपेक्षा और वादाखिलाफी से क्षुब्ध हैं। शासकीय कार्यालयों में कार्यरत ये कर्मचारी वर्षों से प्रदेश की जनहितकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन आज भी इन्हें “अनियमित कर्मचारी” जैसे उपेक्षापूर्ण शब्दों से पहचाना जाता है।

इन कर्मचारियों में आउटसोर्सिंग, प्लेसमेंट, सेवा प्रदाता, ठेका, समूह/समिति के माध्यम से नियोजित, जॉबदर, संविदा, दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर, मानदेय, तथा अंशकालिक रूप से काम करने वाले हजारों श्रमिक शामिल हैं, जो पिछले 5 वर्ष से लेकर 25 से 30 वर्षों तक लगातार राज्य की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित कर रहे हैं।

मजदूरी, शोषण और असुरक्षा का त्रिकोण

वर्तमान समय में इन कर्मचारियों की स्थिति मध्यकालीन बंधुआ मजदूरों से भी बदतर बन गई है। पारिवारिक जिम्मेदारियों, बेरोजगारी की चिंता, आर्थिक असुरक्षा, और प्रशासनिक दबाव ने इन्हें इस कदर घेर लिया है कि वे अपने साथ हो रहे अन्याय को मौन होकर सहने को विवश हैं। काम तो नियमित कर्मचारी के समान, लेकिन अधिकार, वेतन और सम्मान से कोसों दूर।

राजनीतिक वादों का टूटा विश्वास

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कई भाजपा नेता और जनप्रतिनिधि उनके मंच पर आए और सरकार बनने पर समस्याओं के शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया। “मोदी की गारंटी 2023” पत्र में भी वचनबद्ध सुशासन के अंतर्गत यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि एक समिति गठित कर उसमें अनियमित कर्मचारियों को सम्मिलित करते हुए उनकी समस्याओं पर समीक्षात्मक कार्यवाही की जाएगी।

लेकिन हकीकत में जो समिति बनी, उसमें अनियमित कर्मचारियों अथवा उनके संगठनों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिससे कर्मचारियों को यह महसूस हो रहा है कि उनके साथ छल किया गया है।

1.5 वर्षों में भी कोई पहल नहीं, वेतन और रोजगार संकट गहराया

फेडरेशन का आरोप है कि भाजपा सरकार के डेढ़ वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन अब तक अनियमित कर्मचारियों के संबंध में कोई ठोस निर्णय या नीति नहीं लाई गई है
विभिन्न विभागों में काम कर रहे अनियमित कर्मचारियों को बीते कई माह से वेतन तक नहीं मिला, और वर्षों से सेवाएं दे रहे कर्मियों की छंटनी भी शुरू हो गई है।
इतना ही नहीं, न्यूनतम वेतन में बीते 8 वर्षों से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, न ही संविदा कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया गया है, जिससे महंगाई के दौर में उनकी जिंदगी और कठिन हो गई है।

फेडरेशन की प्रमुख मांगें

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन ने 13 अप्रैल 2025 को नवा रायपुर के तुता क्षेत्र में विशाल प्रदर्शन और मुख्यमंत्री निवास घेराव कर सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर खींचा था, लेकिन शासन स्तर पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
फेडरेशन की मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण/स्थायीकरण
  2. निकाले गए कर्मचारियों की पुनः बहाली
  3. न्यून वेतन पाने वालों को न्यूनतम वेतन की गारंटी
  4. अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए
  5. आउटसोर्सिंग, ठेका, सेवा प्रदाता, समिति के माध्यम से नियोजन बंद किया जाए

फेडरेशन के पदाधिकारी अब संभागीय स्तर पर दौरा कर रहे हैं ताकि आंदोलन को और अधिक प्रभावशाली एवं व्यापक रूप से संगठित किया जा सके।


महिला पुलिस वालंटियरों की सेवा समाप्त, बढ़ा असंतोष

इसी बीच कोरिया जिले में कार्यरत 2,156 महिला पुलिस वालंटियरों की सेवाएं बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त कर दी गईं, जिससे व्यापक नाराजगी देखी जा रही है।
इन महिला वालंटियरों ने बीते कई वर्षों से समाज और पुलिस के बीच पुल का कार्य करते हुए महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था और सामाजिक अपराधों की रोकथाम में अहम भूमिका निभाई थी।

प्रभावित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि यह निर्णय बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जब तक पुनः नियोजन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।


सरकार से सुनवाई की अपील

अनियमित कर्मचारी संगठनों और पूर्व महिला वालंटियरों ने सरकार से अपील की है कि उनकी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाए, और पूर्व में दिए गए आश्वासनों के अनुरूप नीतिगत निर्णय लिए जाएं।
उनका कहना है कि यदि शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो राज्यभर में आंदोलन और उग्र हो सकता है।

गोपाल प्रसाद साहू
( प्रदेश अध्यक्ष )
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन


रिपोर्ट – इंदु कश्यप (News81.in)
#अनियमित_कर्मचारी #महिला_पुलिस_वालंटियर #छत्तीसगढ़_सरकार #न्याय_की_मांग #News81.in


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *