छत्तीसगढ़ के शहरों को मिलेंगे स्वच्छ और सर्वसुविधायुक्त शौचालय, नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी किए 57.70 करोड़ रुपए
रायपुर, 16 अप्रैल 2025
राज्य में स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों को स्वच्छ और सर्वसुविधायुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव की पहल पर नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा 57 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि जारी की गई है। इस राशि का उपयोग शौचालयों के उन्नयन, मरम्मत, रखरखाव, तथा जन-जागरूकता के कार्यक्रमों में किया जाएगा।
1389 शौचालयों की मरम्मत और उन्नयन का लक्ष्य
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राज्य के 144 नगरीय निकायों को 42.58 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है, जिससे 1389 शौचालयों की मरम्मत की जाएगी। इसके अलावा, स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत सामुदायिक शौचालयों के नियमित रखरखाव एवं संधारण के लिए भी 15.12 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
इस पूरी योजना का उद्देश्य न सिर्फ साफ-सुथरे शौचालय उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें ऐसी स्थिति में बनाए रखना भी है कि नागरिक बिना किसी हिचक के उनका उपयोग कर सकें।
पूर्ववर्ती सरकार की उपेक्षा के बाद जागरूक पहल
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने स्पष्ट किया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नगरीय निकायों में सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की उपेक्षा की गई, जिससे उनकी हालत दयनीय हो गई थी। उन्होंने कहा:
“शौचालय केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि हर नागरिक के सम्मान और स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है। हमारी सरकार सुनिश्चित कर रही है कि हर नागरिक को स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधा-संपन्न शौचालय उपलब्ध हों।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल बुनियादी ढांचा खड़ा करना नहीं है, बल्कि स्वच्छता के प्रति नागरिकों को सजग करना भी है, ताकि यह एक स्थायी जन आंदोलन बने।
स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण और दंड का प्रावधान
नगरीय प्रशासन विभाग ने राज्य के बाजार, बस स्टैंड, चौक-चौराहों जैसे जनसामान्य के अत्यधिक उपयोग वाले स्थानों पर स्वच्छता लक्षित इकाइयों (CTUs) और Garbage Vulnerable Points (GVPs) का चिन्हांकन कर उन्हें व्यवस्थित करने का कार्य तेज़ किया है।
अब तक 550 से अधिक ऐसे स्थानों को चिन्हित कर कचरा-मुक्त बनाया गया है। इन स्थलों पर अब यदि कोई खुले में कचरा फेंकता है या गंदगी करता है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। इससे नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी का भाव पैदा हो रहा है।
जनसहभागिता से मिलेगा अभियान को बल
स्वच्छता अभियान को केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि जन आंदोलन बनाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न संगठनों और संस्थाओं के साथ मिलकर जन-जागरूकता अभियान चला रही है।
नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने नगरीय निकायों के आयुक्तों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नागरिकों को सभी आवश्यक सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराएं और स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाएं।
इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सभी नगरीय निकायों को प्रचार-प्रसार (IEC) मद से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वॉल पेंटिंग, वेस्ट-टू-आर्ट कृतियाँ, बैक लेन सौंदर्यीकरण जैसे प्रयासों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश आमजन तक पहुँचाया जा सके।
स्कूलों, एनजीओ और समूहों से मिल रहा सहयोग
राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, महिला स्व-सहायता समूहों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर स्वच्छता को जन अभियान का स्वरूप देने की पहल की है। इसके तहत निम्नलिखित गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं:
स्वच्छता पखवाड़ा
सफाई चौपाल
नुक्कड़ नाटक
प्लॉग रन
स्वच्छता शपथ
इन गतिविधियों में जन भागीदारी बढ़ने से स्वच्छता के प्रति सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन देखा जा रहा है।
केंद्र और राज्य मिलकर दे रहे स्वच्छता को नई दिशा
छत्तीसगढ़ में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में केंद्र सरकार के सहयोग और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। केंद्र द्वारा दिए जा रहे तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता से नगरीय निकायों को स्वच्छता प्रबंधन में मजबूती मिली है।
वहीं राज्य सरकार ने अपनी योजनाओं और पहलों के ज़रिए स्थानीय ज़रूरतों के अनुरूप समाधान प्रस्तुत किए हैं, जिससे नतीजे भी जल्दी और प्रभावी रूप में सामने आ रहे हैं।
स्वच्छता की दिशा में निर्णायक कदम
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल केवल स्वच्छ शौचालय निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक और दूरदर्शी दृष्टिकोण का हिस्सा है। इसमें अवसंरचना विकास, जन-संवाद, व्यवहार परिवर्तन और निगरानी को एकीकृत रूप से जोड़ा गया है।
57.70 करोड़ रुपए की यह निवेश राशि भविष्य में राज्य को एक स्वच्छ, स्वस्थ और सम्मानजनक वातावरण की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। स्वच्छता अब एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी बन चुकी है।