ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन: लोकतंत्र बचाने की हुंकार
बैकुंठपुर, 16 अप्रैल 2025
भारतीय राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है, इस बार केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कथित दुरुपयोग को लेकर। कांग्रेस पार्टी ने इस कदम को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला करार देते हुए देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुंठपुर में भी कांग्रेसजनों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया।
रैली से धरने तक—कांग्रेस का विरोध दर्ज
बैकुंठपुर में कांग्रेस कार्यालय से शुरू हुई रैली, नारेबाजी करते हुए मुख्य डाकघर (पोस्ट ऑफिस) तक पहुँची, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और ईडी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। रैली के दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘लोकतंत्र बचाओ’, ‘ईडी का दुरुपयोग बंद करो’, ‘राहुल-सोनिया को न्याय दो’ जैसे नारे लगाए।
धरना स्थल पर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के राजनीतिक दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह न केवल कांग्रेस के खिलाफ, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ साजिश है।
ईडी की कार्रवाई—राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि **भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी**, **लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी**, और अन्य वरिष्ठ नेताओं पर ईडी द्वारा दर्ज मामलों का उद्देश्य उन्हें राजनीतिक रूप से बदनाम करना है। यह कार्रवाई, पार्टी के अनुसार, किसी भी ठोस साक्ष्य के अभाव में **राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित** है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कहा,
“ यह लड़ाई केवल कांग्रेस की नहीं है। यह भारत के संविधान, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की लड़ाई है। जब विपक्ष की आवाज़ को कुचला जाएगा, तो यह हर नागरिक की आज़ादी पर हमला होगा। ”
उन्होंने आगे कहा कि देश के लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए सरकार ईडी जैसी जांच एजेंसियों को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। यह खतरनाक प्रवृत्ति है और इसका देश के भविष्य पर गंभीर असर हो सकता है।
धरने में रहे शामिल***
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें **जिला अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, पीसीसी सदस्य योगेश शुक्ला, वरिष्ठ नेता मुख्तार अहमद, महामंत्री बृजवासी तिवारी, शैलेंद्र सिंह, अजय सिंह, बिहारी राजवाड़े, रवि शंकर राजवाड़े, सुरेंद्र तिवारी, विकास श्रीवास्तव, धीरज सिंह, दीपक गुप्ता, रियाजउद्दीन, सुमन दुबे, मनीष सिंह, लवी गुप्ता, संतोष गोयन, हीरालाल साहू, विजय चक्रधारी और रामसाय सोरी** प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इन सभी नेताओं ने अपने-अपने वक्तव्यों में केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अंतिम साँस तक लड़ाई लड़ेगी।
लोकतंत्र के लिए खतरा
धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि ईडी की कार्रवाई केवल व्यक्तिगत हमले नहीं हैं, बल्कि ये लोकतंत्र की **स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर हमला** है। जब सत्ता में बैठी सरकार विपक्षी नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाए और जांच एजेंसियों को अपने हित में इस्तेमाल करे, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बन जाता है।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि यह समय देश को जागरूक करने का है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वह **लोकतंत्र और संविधान की रक्षा** के लिए एकजुट हो, क्योंकि अगर आज आवाज नहीं उठाई गई, तो आने वाली पीढ़ियां तानाशाही में जीने को मजबूर होंगी।
भविष्य की रणनीति
धरना में यह भी बताया गया कि यह आंदोलन यहीं नहीं रुकेगा। कांग्रेस पार्टी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे विरोध-प्रदर्शनों को जारी रखेगी। आने वाले समय में **जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर** तक जाकर पार्टी कार्यकर्ता आम नागरिकों को इस सच्चाई से अवगत कराएंगे कि कैसे संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा, कांग्रेस कार्यकर्ता सोशल मीडिया, जनसभाओं और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भी सरकार की मंशा उजागर करते रहेंगे।
लोकतंत्र बचाने की मुहिम
बैकुंठपुर का यह धरना प्रदर्शन न केवल एक क्षेत्रीय विरोध था, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को बचाने की एक मजबूत पुकार भी थी। कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि वह **संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता, विपक्ष की आवाज़ और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी।**
इस प्रदर्शन के माध्यम से कांग्रेस ने एक स्पष्ट संदेश दिया है—“हम झुकेंगे नहीं, रुकेंगे नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम दम तक लड़ेंगे।”